Hello दोस्तों ! मैं आसा करता हु की आप सभी अच्छे होंगे। तो आज हम मेमोरी क्या होती है। के बारे में जानने वाले है। मेमोरी ,C.P.U. का ही एक प्रकार है जो डाटा को संग्रह क्र के रखता है। जिस प्रकार मनुष्य में दिमाग होता है जिससे हम किसी चीज को यद् रख सकते है ठीक उसी प्रकार कंप्यूटर में मेमोरी होती है जो सम्पूर्ण डाटा को याद रखती है। (यदि आप C.P.U. के बारे में अधिक जानना चाहते है तोहमने इस पर लिखा हुआ है आप देख सकते है ) तो आइए जानते है की मेमोरी क्या होता है ?
मेमोरी क्या होता है | what is memory in computer:-
मेमोरी:-
मनुष्य के दिमाग में याद रखने की छमता होती है। जिसे मेमोरी कहते है। ठीक उसी प्रकार कंप्यूटर में डाटा तथा निर्देशों को संग्रह करने की छमता होती है। जो कंप्यूटर की मेमोरी कहलाती है। मेमोरी वह इलेक्ट्रॉनिक स्थान है जहा डाटा , सुचना ,और प्रोग्राम संगृहीत होते है। और जरूरत पढ़ने पर तुरंत उपलब्ध हो सकते है। मेमोरी कंप्यूटर का एक महत्वपूर्ण भाग है बिना मेमोरी के कंप्यूटर कार्य नहीं कर सकता है।
मेमोरी में डाटा संग्रह करने के लिए अनेक स्थान होते है। जिनकी संख्या निश्चित होती है। मेमोरी का आकर मेमोरी की छमता मेमोरी के स्थानों पर निर्भर करता है। मेमोरी के प्रतीक स्थान की पहचान होती है जिसे एड्रेस कहते है।
मेमोरी के दो प्रकार होते है :-
1. मुख्य मेमोरी (Main Memory)
2. बाह्य मेमोरी (External Memory)
1. मुख्य मेमोरी (Main Memory):-
जबभी मेमोरी स्तब्ध का प्रयोग किया जाता है तो उसका मतलब मुख्य मेमोरी से ही होता है। इसे प्राथमिक मेमोरी (primary memory), आंतरिक मेमोरी(Internal memory) भी कहते है। यह C.P.U. का ही एक भाग होता है। मुख्य मेमोरी बहुत तेज गति वाली मेमोरी होती है। तथा प्राथमिक तथ्यों की संगढना , प्रोग्राम में लिखित निर्देशों के अनुसार करती है। यह मध्यवर्ती और अंतिम दोनों निष्कर्षो को संगृहीत करने के लिए भी प्रयुक्त होती है। मेमोरी एक अर्धचालक चिप (semiconductor chip)होती है।
मुख्य मेमोरी को दो भागो में बता जासकता है :-
1. अस्थाई मेमोरी या रेन्डम एक्सेस मेमोरी (random access memory - RAM):-
2. स्थाई मेमोरी या रीड ऑनली मेमोरी (read only memory - ROM):-
1. अस्थाई मेमोरी या रेन्डम एक्सेस मेमोरी (random access memory - RAM):-
यह सबसे ज्यादा प्रयोग में आने वाली मेमोरी है। किसी भी इनपुट दिवस दोवारा दिया गया निर्देश सबसे पहले RAM में ही संगृहीत होता है। और इसे C.P.U. के दोवारा अवसक्तानुसार प्राप्त किया जाता है। RAM में संगृहीत डाटा को कभी भी एक्सेस किया जा सकता है। तथा कभी भी पढ़ा या लिखा जा सकता है। RAM में संचित सूचनाओं को हम माइक्रोसेकंड के दसवे हिस्से में पुनः ग्रहण कर।
RAM में डाटा या प्रोग्राम अस्थाई रूप से संगृहीत होते है। कंप्यूटर को बंद करने पर RAM में उपस्थित डाटा मिट जाता है। इस लिए RAM को अस्थाई मेमोरी कहते है।
2. स्थाई मेमोरी या रीड ऑनली मेमोरी (read only memory - ROM):-
इस प्रकार के मेमोरी में संग्रहित डाटा को नहीं मिटाया जा सकता है उन्हें केवल पढ़ा जा सकता है। यह मेमोरी स्थाई मेमोरी होती है। अतः कंप्यूटर को बंद करने पर इसमें से डाटा नहीं मिटती है। इस मेमोरी का उपयोग मुलभुत निर्देशों के संग्रह के लिए किया जाता है। ROM के उपयोग का सबसे अच्छा उदाहरण - BIOS (बेसिक इनपुट आउटपुट सिस्टम ) है। जिसमे कंप्यूटर का बूटिंग प्रोग्राम संगृहीत होता है। इसका मतलब की जब कंप्यूटर चालू होता है तो वह इससे स्वता ही सुचना ग्रहण कर बूट हो जाता है। ROM का उपयोग स्वचालित मसिनो , खिलोनो आदि में भी होता है।
ROM तीन प्रकार के होते है :-
1. प्रोम (PROM - Programmable Read Only Memory )
2. इ प्रोम (EPROM -Erasable programmable read only memory )
3. ई ई प्रोम (EEPROM - Electrically Erasable programmable read only memory )
1. प्रोम (PROM - Programmable Read Only Memory ):-
इस प्रकार की मेमोरी को केवल एक बार ही लिखा जाता है लेकिन बार बार पढ़ा जा सकता है।
2. इ प्रोम (EPROM -Erasable programmable read only memory ):-
इस प्रकार मेमोरी में अवसक्ता पढ़ने पर इसे मिटाया जा सकता है। और नया प्रोग्राम डाला जा सकता है इस प्रकार की मेमोरी को मिटने के लिए पराबैगनी किरणों का उपयोग किया जाता है।
3. ई ई प्रोम (EEPROM - Electrically Erasable programmable read only memory ):-
इस प्रकार में होसकता पड़ने पर इसे विद्युत दोवारा मिटाया जा सकता है। और नया प्रोग्राम डाला जा सकता है।
2. बाह्य मेमोरी (External Memory):-
यह भी मेमोरी का ही एक प्रकार होता है। डाटा को स्थाई रूप से संगृहीत करने के लिए बाह्य मेमोरी की जरूरत होती है। इसे द्वितीयक मेमोरी भी कहते है यह मेमोरी चुम्बकीय तथा प्रकाशीय (optical)होती है इसमें संगृहीत डाटा लम्बे समय तक ठीक रहता है। तथा बंद करने पर भी नहीं मिटता है। हार्ड डिस्क , फ्लॉपी डिस्क ,मैग्नेटिक टेप आदि द्वितीयक मेमोरी के उदाहरण है।
मेमोरी की इकाइयां (what is memory unit in computer):-
कंप्यूटर मेमोरी है वह बिट के रूप में संगृहीत होता है। बिट रक बाइनरी नम्बर से मिल कर बना होता है। बाइनरी नंबर में केवल 0 और 1 होती है। कंप्यूटर में सभी डाटा 0 और 1 के स्टोर होता है। यद्यपि बिट प्रत्मिक इकाई है
मेमोरी की विभिन इकाइयां निम्न प्रकार से व्यक्त की जा सकती है :-
1. बिट :- मेमोरी की सबसे छोटी इकाई है
2. निबल :-4 बिट के समूह को निबल कहते है।
3. बाइट :- 8 बिट के समूह को बाइट कहते है।
4. किलोबाइट :- 1024 बैत को 1 किलोबाइट कहते है।
5. मेगाबाइट :- 1024 किलोबसीत को 1 मेगाबाइट कहते है।
6. गीगाबाइट :- 1024 मेगाबाइट को 1 गीगाबाइट कहते है।
7. टेराबाइट :- 1024 गीगाबाइट को 1 टेराबाइट कहते है।
आप का इस ब्लॉग के लिए धन्यवाद।
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