what is control unit | control unit kya hai | types of control unit | कण्ट्रोल यूनिट कितने प्रहार की होती है

 Hello दोस्तों ! मैं आसा करता हूँ  की आप सबहि अच्छे होंगे। आज हम कंट्रोल यूनिट क्या है के बारे में जानने वाले है। कण्ट्रोल यूनिट C.P.U. का ही एक भाग है। और C.P.U.  क्या है के बारे में जानना चाहते है तो हमने इसके बारे में लिखी हुई है आप देख सकए है।  तो चलिए अब कण्ट्रोल यूनिट क्या है के बारे में जानते है

 

कण्ट्रोल यूनिट क्या है | what is control unit :-

C.P.U. में कण्ट्रोल यूनिट की महत्त्व पूर्ण भूमिका होती है। यह अपने नाम के अनुसार कंप्यूटर के सूचनाव के आदान प्रदान व् कंप्यूटर के अन्य उपकरणों पर नियंत्रण रखती है। 

कण्ट्रोल यूनिट के मुख्य कार्य निम्न है :-
what is control unit | control unit kya hai

1.  यह कंप्यूटर के समस्त आंतरिक क्रियाओ का संचलन करता है। 
2.  यह इनपुट आउटपुट क्रियाओ को नियंत्रित करता है। 
3.  यह मेमोरी से प्रोग्राम (निर्देश ) को पढ़ता है वह उसकी व्याख्या करता है इसके बाद A.L.U. और मेमोरी में आगे की क्रिया को करने के लिए निर्देश देता है 
4.  यह A.L.U. को यह बताती है की डाटा मेमोरी में कहा है और क्या क्रिया करनी है तथा क्रिया के पशचात परिणाम को कहा संग्रहित कर रखना है। 

यह सभी निर्देश विद्युत संकेत के रूप में सिस्टम बस की कंट्रोल बस के माध्यम से कंप्यूटर के विभिन्न भागो तक पहुँचते है (अनेक तारो का समुह बस कहलाती है।)

कण्ट्रोल यूनिट कितने प्रहार की होती है :-

कण्ट्रोल यूनिट मुक्यता दो प्रकार की होती है ;-

1. हार्डवेयर्ड कण्ट्रोल यूनिट 
2. माइक्रोप्रोग्राम्ड कण्ट्रोल यूनिट
types of control unit | कण्ट्रोल यूनिट कितने प्रहार की होती है


1. हार्डवेयर्ड कण्ट्रोल यूनिट :-

एक हार्डवायर्ड कंटोल यूनिट मेमोरी से प्राप्त निर्देशों को लॉजिक सर्किट के दोवारा नियंत्रण संकेतो में अनुवाद करती है। कंप्यूटर के मुख्य मेमोरी से एक निर्देश को इस्ट्रक्शन रजिस्टर को भेजा जाता है।  जो ऑपरेशन कोड की पहचान करती है। ऑपरेशन कोड असेम्ब्ली भाषा में होती है। इसके बाद ऑपरेशन कोड को इन्स्ट्रशन रजिस्टर के पास भेजा जाता है। जो ऑपरेशन कोड का इस्तमाल इस लिए करता है की उसे कोण सा सिग्नल उत्पन करना है। इसके बाद लॉजिक सर्किट इस सिग्नल को बनाता है। जो किसी भी बहरी इनपुट के लिए जिमेदार है , पूरी प्रक्रिया को एक सिस्टम क्लॉक के दोवारा तालमेल बनाया जाता है। जो नियमित पाल्स उतपन करती है।  जो लगातार कम (0)और उच्च (1) स्तिथि के बिच स्विच करती रहती है। ऐसी नियत्रण इकाइयां हार्डवायर्ड होते है क्योकि इसकी लॉजिक सर्किट हार्डवायर्ड होते है।  


हार्डवायर्ड कंट्रोल यूनिट की कमिया :-

की यह तुलनात्मक रूप से महंगे होते है , जटिल ऑपरेशन के लिए कार्य करना मुश्किल होता है। और बिना भौतिक परिवर्तन के उन्हें संसोशित करना असम्भव होता है इसके आलावा प्र्तेक सर्किट केवल एक प्रकार के निर्देश को समल सकता है। इसके बावजूत हार्डवेयर्ड  काफी तेज होता है। 

2. माइक्रोप्रोग्राम्ड कण्ट्रोल यूनिट :- 

जब हार्डवेयर्ड यूनिट आपने बाइनरी सिग्नल की गढ़ना करने के लिए सर्किटरी का उपयोग करती है।  माइक्रोप्रोग्राम्ड यूनिट आपने कंट्रोल सिग्नल के मनो को मेमोरी में संगृहीत करते है।  इस मेमोरी को कण्ट्रोल मेमोरी या कण्ट्रोल स्टोर कहा जाता  है इसके बाद मेमोरी के   मानो को कण्ट्रोल वर्ड्स या मैक्रोइसट्रक्शंस नामक इकाइओ में बाट दिया जाता है। इसके बाद निदेश डिकोडर दोवारा ऑपरेशन कोड को डिकोड करने के बाद परिणाम  को कण्ट्रोल अड्रेस रजिस्टर में फीड किया जाता है। जो निष्पादित किये जाने वाले कण्ट्रोल मेमोरी के भीतर प्रसंसगीत माइक्रोइंस्ट्रक्शंस का पता ढूंढ़ता है। इस माइक्रोइंस्ट्रक्शंस को कण्ट्रोल देता रजिस्टर नामक घटक में स्टोर कर के रखा जाता है 
जो कंट्रोल सिग्नल को भेजता है। और कण्ट्रोल अड्रेस रजिस्टर को  बताता है। की आगे किस पते को देखना है। 

मेमोरी बदलना हार्डवेयर बदलने से आसान है।  इसलिए माइक्रोप्रोग्राम्ड कंटोल यूनिट को हार्डवेयर्ड  कण्ट्रोल यूनिट की तुलना में अपग्रेड करना आसान है।  

 


  




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